उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी के मजबूत स्तम्भ के रुप में स्थापित ह्रदय नारायण दीक्षित सदैव कर्मवादी व्यक्तित्व के धनी रहे हैं। कहीं-कहीं पर तो आज भी दीक्षित जी को लौह पुरुष की संज्ञा दी जाती है। अपार ऊर्जा से भरे दीक्षित आज भी ऐसे राजनेता है जिन्हें सभी वर्गाें, दलों आदि के मध्य सम्मान मिलता है। श्री दीक्षित कभी राजनेता तो कभी पत्रकारिता क्षेत्र में दमदार भूमिका निभाते हैं। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि संघर्ष का दूसरा नाम भी ह्रदय नारायण दीक्षित है। सूर्याेदय प्रारम्भ होने से ही सरस्वती की उपासना के साथ-साथ समाज सेवा का कार्य प्रारम्भ हो जाता है। मीलों लम्बा पथरीला रास्ता चलकर श्री दीक्षित विधानसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन हुये हैं। यह वक्त की करवट ही है कि लम्बे अंतराल के बाद दीक्षित को विशेषधिकार प्राप्त हुआ है। ज्योतिष के आधार पर यदि दीक्षित जी के जन्मांक का आकलन किया जाये तो निम्न तथ्य उभरकर सामने आते हैं।
धनु राशि तथा धनु लग्न मे जन्मे व्यक्तियों के बारे में मानसागरी मे निम्न कथन है। धनुलग्ने समुत्पन्नो नीतिमान् धनवान, सुधीः। लोकमान्यः कुलश्रेष्ठः पुत्रतौत्रादिसंयुतः।। धनु लग्न में जन्म होने के कारण श्री दीक्षित नीतिज्ञ, बुद्धिमान, लोकमान्य, कुलश्रेष्ठ हैं।
जन्मांक को देखें तो चन्द्रमा से दसम स्थान में बृहस्पति जी हैंै चन्द्रमा से दसम बृहस्पति गजकेसरी योग निर्मित करते है बृहस्पति तथा बुध भी परासर सिद्धान्त के आधार पर राजयोग बनाते हैं। नवमांश में तृतीयस्थ शनि दीर्घ काल तक राजयोग कारक है। नवमांश मे बेहद ताकतवर विपरीत राजयोग है। इन्हीं सब योगों के चलते ही दीक्षित जी पूर्ण रुपेण दीक्षित है।
आने वाला कलः- वर्तमान समय मे दीक्षित जी बृहस्पति की महादशा 09.09.2013 से प्रारम्भ है यह महादशा 06.09.2029 तक चलेगी। 24.10.2015 से 06.05.2018 तक बृहस्पति दशा मे शनि का अन्तर है। योगिनी दशा मे भद्रिका अर्थात् भद्र कार्य करने वाली दशा 12.10.2017 तक है। यह सभी दशायें, अन्तर दशायें दीक्षित जी के लिये संजीवनी का कार्य करेंगी। तथा लम्बे अन्तराल तक सामाजिक सेवा के अवसर उपलब्ध होंगे। सर्वसमाज में लोकप्रिय रहेंगे।
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